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सोमनाथ मंदिर का इतिहास – आस्था, आक्रमण और पुनर्निर्माण

भारत की पहचान उसकी संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर से होती है। इन्हीं धरोहरों में से एक है सोमनाथ मंदिर, जिसे “श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक” कहा जाता है। गुजरात के प्रभास पाटन (वेरावल, गिर सोमनाथ) में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला है।

धार्मिक महत्व

आक्रमण और पुनर्निर्माण की गाथा

सोमनाथ मंदिर का इतिहास संघर्ष और आस्था से भरा है।

वर्तमान स्वरूप

निष्कर्ष

सोमनाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह भारत की आस्था, एकता और अडिग विश्वास का प्रतीक है।
यह हमें सिखाता है कि चाहे कितनी भी बाधाएँ आएँ, भक्ति और सत्य कभी नष्ट नहीं हो सकते

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